ಗುರುವಾರ, ಫೆಬ್ರವರಿ 23, 2017

ಜಿ,ಎಸ್,ಟಿ, ಗೆ ಸಂಬಂದಿಸಿದ ವಿಷಯಗಳು

*🔮⚱जीएसटी से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य⚱🔮*
🎀जीएसटी का अर्थ है *गुड एंड सर्विस टैक्स वस्तु व सेवा कर बिल* है
🎀इसके तहत पूरे भारत में *एक ही तरह का टैक्स* लगेगा
🎀जिससे पूरे भारत में *एक ही वस्तु का एक ही मुल्य* होगा
🎀और वर्तमान में विद्यमान *विभिन्न प्रकार के अप्रत्यक्ष करो की समाप्ति* होगी
🎀जीएसटी बिल *वैट सिद्धांत* पर आधारित है
🎀जीएसटी का सुझाव *सर्वप्रथम अप्रत्यक्ष करो पर केलकर कार्यबल ने 2003* में दिया था
🎀वर्ष 2014 में लागू जीएसटी *संविधान संशोधन 122* के तहत *सभी वस्तुओं*पर कर लगेगा *सिर्फ अल्कोहल/शराब* पर नहीं लगेगा
🎀जीएसटी *एक अप्रत्यक्ष कर*जो देश भर में *वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति*पर विनिर्माता से उपभोक्ताओं तक *एकल कर* होगा
🎀जिससे पूरा देश *एक एकीकृत साझा व्यापार*में परिवर्तित हो जाएगा
🎀उत्पादन के प्रत्येक चरण में भुगतान किए गए *इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्द्धन के बाद* के चरण में उपलब्ध होगा
🎀इस प्रकार उत्पादन के स्तर पर *केवल वैल्यू एडिशन पर ही यह कर*देना होगा
🎀अंतिम उपभोक्ताओं को इस आपूर्ति श्रंखला में *अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया GST* ही वहन करना होगा
🎀इस प्रकार विभिन्न स्तरों पर लगने वहां वाले *करो पर कर का प्रभाव समाप्त*सकेगा
🎀जीएसटी के लागू होने से केन्द्रीय करों मे से *केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क ,सेवा कर, एडिशनल कस्टम ड्यूटी,विशेष ओर अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी,तथा वस्तुओं व
सेवाओं*पर लगने वाले सारे सरचार्ज व सैस जहां समाप्त होंगे
🎀वहीं राज्य के करों मे *वैट, मनोरंजन कर, केंद्रीय बिक्री कर, चुंगी व प्रवेश कर, खरीद कर, विलासिता कर ,लॉटरी ,सट्टे व जुए पर लगने वाले कर* तथा सरचार्ज व सैस इसमे समाहित हो जाएंगे
🎀इस प्रकार *केंद्र ,राज्य व स्थानीय निकायों* द्वारा लिए जाने वाले *विभिन्न प्रत्यक्ष करो के स्थान पर एकीकृत जीएसटी* ही वसूला जाएगा और पूरा देश *एक समरूप बाजार के रूप*में विकसित हो सकेगा
🎀जीएसटी लागू होने से *वस्तुओं के मूल्य कम* होंगे
🎀जिसका सीधा *लाभ उपभोक्ताओं* को होगा
*🎀सेवाओं के मूल्य में कुछ वृद्धि* इससे होगी
*🎀वस्तुओं व सेवाओं की लागत कम* होने से *भारतीय निर्यात* को इससे बढ़ावा मिलेगा
🎀अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस से *जीडीपी में वृद्धि* होगी
*🎀नेशनल कॉउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च*ने इससे जीडीपी में *0.9%से 1.7% की वृद्धि* का अनुमान व्यक्त किया था
🎀जीएसटी की *संरचना दोहरी किस्म*की होगी
🎀केंद्र सरकार द्वारा लगाया व वसूला जाने वाला कर तथा राज्य सरकारों द्वारा लगाया व वसूला जाने वाला कर *वैल्यू एडिशन के प्रत्येक चरण पर CGST व SGST वसूली*जाएंगे
🎀जीएसटी के मामले में विभिन्न मिलने के लिए *जीएसटी परिषद का गठन* किया जाएगा
*🎀जीएसटी परिषद का अध्यक्ष वित्त मंत्री* होगा
🎀जीएसटी परिषद में *केंद्र व राज्य दोनों*का प्रतिनिधित्व होगा
🎀जीएसटी परिषद में *सभी राज्य सरकारे*सदस्य होंगी
🎀इस कारण यह *एक शक्तिशाली सांविधिक निकाय* होगा
🎀जीएसटी का *आरोपण* शुरू से अंत तक *सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित* होने के कारण इसका *अनुपालन सरल*होगा और *कर वंचना नहीं*हो सकेगी
🎀इससे *कर संग्रह में वृद्धि*होगी और *कर संग्रहण की लागत कम*होगी
*🎀केंद्र व राज्य* सरकारों दोनों को ही *जीएसटी के संबंध में कानून*बनाने का अधिकार होगा
*🎀संविधान संशोधन 122* के तहत वैयक्तिक उपभोग वाली *शराब को जीएसटी के दायरे* से बाहर रखा गया है
*🎀पेट्रोलियम उत्पादों* पर जीएसटी के लागू करने के संबंध में निर्णय *जीएसटी काउंसिल* द्वारा लिया जाएगा
🎀जीएसटी के परिणाम स्वरुप राज्य को होने वाली *राजस्व हानि की भरपाई 5 वर्षों तक केंद्र*द्वारा की जाएगी
🎀भारत में *वैट सिद्धांत पर आधारित एक व्यापक जीएसटी*लाने का सुझाव *सर्वप्रथम अप्रत्यक्ष करो* पर *केलकर कार्यबल ने 2003* में दिया था
*🎀वर्ष 2010* तक राष्ट्रीय स्तर पर जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव *केंद्र सरकार के 2006-07 के बजट* में किया गया था
🎀इसके लिए *विस्तृत रूपरेखा व रोड मैप* तैयार करने का दायित्व *राज्य के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति* को सौंपा
🎀राज्यों के वित्त मंत्रियों की *अधिकार प्राप्त समिति की अनेक बैठक व व केंद्र के साथ समिति के विचार विमर्श* के पश्चात जीएसटी के लिए *वार्षिक सविधान संसोधन विधेयक (115 वां सविधान संशोधन विधेयक) मार्च 2011* में लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था
🎀जहां इसे संसद की *वित्त पर स्थायी समिति* को संदर्भित किया गया था
🎀लेकिन *15वी लोकसभा भंग*हो जाने पर यह *विधेयक निष्प्रभावी*हो गया
🎀केंद्र में *मई 2014 में नई सरकार के गठन* के बाद पुनः *केंद्रीय७ मंत्रिमंडल* ने इसके लिए विधेयक के मसौदे को *17 दिसंबर 2014* को मंजूरी दी गई
*🎀19 दिसंबर 2014 को लोकसभा में प्रस्तुत* किया गया
*🎀6 मई 2015* को *लोकसभा*ने इसे पारित कर दिया था
🎀इसके @rvind:
पश्चात राज्यसभा में इसे *प्रवर समिति को सन्दर्भित* किया था
*🎀प्रवर समिति*ने अपनी रिपोर्ट *22 जुलाई 2015* को प्रस्तुत की थी
*🎀विपक्षी दलों के साथ लंबे व गहन विचार विमर्श* के बाद इसके लिए *जुलाई 2016 में सरकार ने सहमति*प्राप्त की
🎀जिससे *3 अगस्त 2016* को यह विधेयक *राज्यसभा* में पारित हो गया
*🎀अनेक संशोधनों* के कारण *लोकसभा में इसे 8 अगस्त 2016*को पुनः पारित कराया गया
नोट्स by////// *ममता शर्मा*//////
🎀जीएसटी सविधान संशोधन विधेयक *101 वे सविधान संशोधन अधिनियम के रूप में अधिसूचित* किया गया है
🎀101 वे संविधान संशोधन अधिनियम के रूप में अधिसूचित इस *जीएसटी में कई महत्वपूर्ण निर्णय* लिए गए थे
*🎀वस्तुओं और सेवाओं पर समान करारोपण* के लिए लाए जाने वाले जीएसटी के लिए *122वें संविधान संशोधन विधेयक* को राष्ट्रपति का अनुमोदन *8 सितंबर 2016* को प्राप्त हुआ था
🎀जिससे *जीएसटी बिल 101 वे सविधान संशोधन अधिनियम* के रूप में *अधिसूचित* किया गया था
🎀इससे बहुप्रतिक्षित *गुड एंड सर्विस टैक्स के लिए मार्ग प्रशस्त* हो गया
🎀सरकार द्वारा *1अप्रैल 2017* से इसे *लागू करने*का प्रयास किया जा रहा है
🎀राज्य सभा द्वारा *3 अगस्त 2016 को और लोकसभा द्वारा 8 अगस्त 2016* को बिल को पारित किया गया था
🎀पारित इस बिल को *122वें संविधान संशोधन विधेयक के राष्ट्रपति द्वारा*अनुमोदन के लिए *कम से कम 50% विधान सभाओं में भी पारित* होना आवश्यक था
*🎀16 विधान सभा*के अनुमोदन के पश्चात इसे *राष्ट्रपति की मंजूरी*हेतु भेजा गया
🎀GST सविधान संशोधन अधिनियम *अधिसूचित* होने के पश्चात इस *कर की दरें व इसके नियमों*आदि के निर्धारण के लिए *केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद का गठन*किया गया
🎀जीएसटी परिषद का गठन *12 सितंबर 2016*को किया गया था
🎀 सभी *राज्य सरकारें इस परिषद की सदस्य* हैं
🎀जीएसटी परिषद की *पहली बैठक 22 सितंबर 2016 को नई दिल्ली*में संपन्न हुई थी
🎀GST परिषद की प्रथम बैठक में *केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता*मे *GST के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय* लिए गए थे
*🎀20 लाख से कम* सालाना टर्नओवर वाले *(उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में 10 लाख)* व्यापारियों को *जीएसटी के दायरे से बाहर* रखने का निर्णय *जीएसटी की प्रथम बैठक*में लिया गया
*🎀1.50 करोड़ से कम सालाना* कारोबार वाले व्यापारी जहां राज्य के *अधिकारियों की जांच के दायरे में आएंगे*वहीं *इससे अधिक कारोबार वाले*केंद्र व राज्य दोनों के क्षेत्राधिकार में आएंगे
🎀राज्य के *राजस्व अनुमानों* के लिए *वर्ष 2015-16*को ही आधार माना जाएगा

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